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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे में उद्योगों के सामने आ रही सामाजिक और राजनीतिक दबाव की चुनौतियों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय तत्व उद्योगपतियों पर मनचाहे ठेके देने और खास लोगों को नियुक्त करने के लिए जबरन दबाव बना रहे हैं, जिससे उद्योगों की स्वतंत्रता और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता पर असर पड़ रहा है।
फडणवीस ने यह बात शुक्रवार को पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन ग्रोथ हब (PMR G-Hub) के उद्घाटन समारोह के दौरान कही। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर यह दादागीरी वाली सोच नहीं बदली गई तो पुणे अपनी पूरी आर्थिक क्षमता का उपयोग नहीं कर पाएगा और विकास की दौड़ में पिछड़ जाएगा।
उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाना पर्याप्त नहीं है। जब तक समाज और राजनीति का माहौल सकारात्मक नहीं होगा, तब तक व्यवसायों को वास्तविक सहयोग नहीं मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में निवेशक स्वतंत्र फैसले नहीं ले पाएंगे, जिससे उनकी लागत बढ़ेगी और वे वैश्विक बाजारों में टिक नहीं पाएंगे। अगर यह सिलसिला जारी रहा तो पुणे जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों का विकास थम सकता है।
फडणवीस ने यह भी कहा कि निवेश को आकर्षित करने के लिए जरूरी है कि उद्योगों को अपनी रणनीति खुद तय करने दी जाए और बाहरी हस्तक्षेप को पूरी तरह रोका जाए। उन्होंने अधिकारियों और समाज दोनों से इस मानसिकता को खत्म करने की अपील की।