(India)
5 साल की उम्र में बच्चों का झूठ बोलना अक्सर एक सामान्य डेवलपमेंट फेज होता है, क्योंकि इस दौरान वे कल्पना और वास्तविकता के बीच अंतर समझना सीख रहे होते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चे ज्यादातर सज़ा से बचने, ध्यान पाने या अपनी बात रोचक बनाने के लिए झूठ बोलते हैं।
डांटना या बार-बार सज़ा देना स्थिति को बिगाड़ सकता है, क्योंकि इससे बच्चा डर की वजह से सच छुपाने लगेगा। इसके बजाय शांत तरीके से बात करना, सच बोलने पर उसकी प्रशंसा करना और माता–पिता का स्वयं उदाहरण बनना अधिक प्रभावी होता है।
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि बच्चे को सुरक्षित और स्वीकार्य वातावरण मिले, ताकि वह अपनी गलती मानने में हिचके नहीं। जब बच्चा समझता है कि गलती करना बुरा नहीं है, लेकिन उसे